Lakshadweep
Lakshadweep-लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से 200 से 400 किमी दूर अरब सागर मे स्थित एक द्वीपसमूह है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की 2024 मे यात्रा की है ओर इस खूबसूरत द्वीप के बारे मे प्रसंशा भी की है | तो चलिए इस द्वीप के बारे मे ओर भी कुछ बाते जानते है|
वर्तमान लक्षद्वीप के द्वीपों का उल्लेख पहली शताब्दी में एक यूनानी नाविक ने कछुए के खोल के स्रोत के रूप में किया था । 7वीं शताब्दी में मुस्लिम मिशनरी गतिविधि और अरब व्यापारियों के साथ निरंतर संपर्क के कारण अंततः सभी द्वीपवासियों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया ।
1100 से कुछ समय पहले मालाबार तट पर एक छोटे से हिंदू साम्राज्य ने द्वीपों पर कब्ज़ा कर लिया, और 1102 में केरल के कुलशेखर राजवंश के पतन के बाद वे एक अन्य छोटे हिंदू राजवंश, कोलाथिरिस के पास चले गए। बाद में 12वीं शताब्दी में, जब एक कोलाथिरी राजकुमारी ने एक परिवर्तित मुस्लिम से विवाह किया, तो मातृवंशीय वंश की केरल परंपरा की रक्षा के लिए केरल के कन्नूर (कन्नानोर) क्षेत्र में एक अलग राज्य (उन द्वीपों सहित, जिनसे अंततः लक्षद्वीप का निर्माण हुआ) की स्थापना की गई ।
लक्षद्वीप भारत मे केसे ओर कब मिला-(Lakshadweep)
जब हमारा देश अंग्रेजों से 1947 मे आजाद हुआ उसके बाद 1956 मे लक्षद्वीप भारत को मिल था | पहेले उसका नाम लेकड़ाईव था ओर 1973 मे लक्षद्वीप नाम रखा गया | उसकी राजधानी कवरती है | लक्षद्वीप 36 छोटे छोटे द्वीपों का समूह है जिसमे से 10 द्वीपो पर लोग रहते है वह केरल तट से करीबन 220 से 440 किमी दूर अरब सागर मे स्थित है| यहा की जनगणना 2011 के अनुसार कुल आबादी 64,473 है जिसमे से 96.58 % आबादी मुसलमनो कि है ओर 2.77 % आबादी हिन्दूओ की है | खास बात तो ये है की वहा का साक्षरता दर 91.82 % है |
लक्षद्वीप क्यों है इतना प्रसिद्ध-(Lakshadweep)
वहा के सफेद रेतीले समुद्र तट ,आकर्षक ओर शांत वातावरण दुनिया भर मे प्रसिद्ध है ओर पर्यटन को अपनी तरफ खिचता है | लक्षद्वीप मे स्कूबा डाइविंग , ग्लास बॉटम बोट राइड , कयाकिंग ,फिशिंग ओर परसेलिंग जेसी एडवेंचर्स ऐक्टिविटी भी प्रसिद्ध है |
बांगरम -ये वहा के 36 द्वीपों मे से यक है जो की अपने निर्मल पानि ओर सफेद रेत की वजह से प्रसिद्ध है ,यहा आप समुद्री कछुओ ओर मछली को भी देख सकते हो |
लक्षद्वीप कब ओर केसे जाए ?-(Lakshadweep)
वेसे तो लक्षद्वीप मे पूरे साल मौसम अच्छा होता है लेकिन ज्यादातर लोग सर्दी (अक्टूबर से मार्च ) के समय मे जाते है | वहा का मौसम ठंडा है तो पर्यटक गर्मियों के महीनों (मार्च से मई ) के दौरान जाना पसंद करते है | मोनसुन के दौरान यहा की स्थिति बदल जाती है तो उस समय जाने पर प्रतिबंध होता है |
लक्षद्वीप जाने के लिए दो तरीके है पहेला हवाई मार्ग -लक्षद्वीप मे अगति द्वीप पर अगति हवाई अड्डा है | कोची से अगति तक की कई उड़ाने है ओर करीबन डेढ़ घंटे का रास्ता है तो आप कोची से लक्षद्वीप काफी आसानी से जा सकते है | दूसरा तरीका है समुद्र मार्ग – कोची से कई जहाज लक्षद्वीप जाते है जिसमे वर्तमान मे 7 जहाज उपलब्ध है ओग करीबन 12 से 20 घंटे का समय लगता है | कोची तक पहोचने ने केलिए आपको ट्रेन से जाना पड़ेगा | वेसे तो यह सबसे छोटा केन्द्रशाशित प्रदेश है लेकिन बहुत खूबसूरत द्वीप है तो आपको घूमने के लिए कम से कम 4 या 5 दिन का टूर प्लान करना चाहिए |
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