Covishield vaccine : कोविशील्‍ड वैक्‍सीन लगवा चुके भारतीय लोगों को कितना खतरा?

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Covishield vaccine

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Covishield vaccine-आपका स्वागत है और एक न्यू आर्टिकल मै, एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था, उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है. ऐसे में भारत में जिन लोगों ने कोविशील्‍ड लगवाई है, वे काफी डरे हुए हैं. जानिए इस मामले में विशेषज्ञ का क्‍या कहना है.

Covishield vaccine

कोविशील्‍ड वैक्‍सीन (Covishield Vaccine) के साइड इफेक्‍ट्स की बात जब से सामने आई है, लोग काफी परेशान हैं. दरअसल कोरोना की दवा बनाने वाली ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने ब्रिटिश कोर्ट में ये स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से रेयर मामलों में साइड इफेक्‍ट्स भी सामने आ सकते हैं. एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है.

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) नई दिल्‍ली के कार्डियोलॉजिस्‍ट प्रोफेसर नितीश नायक और डॉ. अंबेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च नई दिल्‍ली के डायरेक्‍टर और जाने माने वायरोलॉजिस्‍ट प्रोफेसर सुनीत के सिंह यहां कोविशील्‍ड वैक्‍सीन से जुड़े खतरों को लेकर हर सवाल का जवाब दे रहे हैं…

Covishield Vaccine Side effects-(Covishield vaccine)

Covishield vaccine

कोरोना महामारी में भारत में 90 फीसदी से ज्‍यादा लोगों को लगाई गई कोविशील्‍ड वैक्‍सीन सवालों के घेरे में आ गई है. इसे बनाने वाली कंपनी एस्‍ट्रेजेनेका ने ब्रिटिश हाईकोर्ट में इसके खराब साइड इफैक्‍ट ब्‍लड क्‍लोटिंग (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) की बात कुबूली है, जिससे दुनियाभर में इस वैक्‍सीन को लगवाने वाले लोगों में डर पैदा हो गया है.

भारत में न केवल इस वैक्‍सीन पर तमाम सवाल उठ रहे हैं बल्कि इसे बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कटघरे में है. हालांकि इस वैक्‍सीन को लगे 3 साल से ज्‍यादा का समय हो गया है, ऐसे में भारतीय लोगों में इस वैक्‍सीन का कितना खतरा है, इसे लेकर दिल्‍ली के टॉप कार्डियोलॉजिस्‍ट और वायरोलॉजिस्‍ट ने अपनी राय दी है.

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) नई दिल्‍ली के कार्डियोलॉजिस्‍ट प्रोफेसर नितीश नायक और डॉ. अंबेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च नई दिल्‍ली के डायरेक्‍टर और जाने माने वायरोलॉजिस्‍ट प्रोफेसर सुनीत के सिंह यहां कोविशील्‍ड वैक्‍सीन से जुड़े खतरों को लेकर हर सवाल का जवाब दे रहे हैं…

भारत में 90 फीसदी लोगों ने कोविशील्‍ड वैक्‍सीन ली है, कितना खतरा है?-(Covishield vaccine)

जब शुरुआत में ये वैक्‍सीन लगवाई जा रही थी तो भी ऐसे कई सवाल उठे थे और कहा गया था कि कोवैक्‍सीन सुरक्षित है और कोविशील्‍ड के नुकसान हो सकते हैं. ऐसा इसलिए भी कहा गया था कि यह एडिनोवायरस बेस्‍ड वैक्‍सीन थी, जो बायोटेक्‍नोलॉजी का नया टर्म है. इसके अलावा अन्‍य कई विदेशी वैक्‍सीनों को लेकर भी सवाल उठे थे.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने भी उस समय बोला था कि कुछ मामले थ्रोम्‍बोसिस के आ रहे थे. लेकिन लिटरेचर पढ़ेंगे तो देखेंगे कि इस तरह के साइड इफैक्‍ट्स शुरुआत में ही दिखाई देते हैं. ये वैक्‍सीन लगने के 4 से 6 हफ्तों के बीच ही सामने आते हैं. अब जबकि वैक्‍सीन लगे इतने साल हो गए हैं तो भारत में इसका खतरा नहीं है. बाकी अपवाद किसी भी दवा में हो सकता है.

क्या कहते हैं भारत के डॉक्टर-(Covishield vaccine)

Covishield vaccine

इंडिया टुडे ने उन डॉक्टरों से बात की जिन्होंने महामारी का बारीकी से अध्ययन किया गया है. आइए जानते हैं कि इस मुद्दे पर डॉक्टरों का क्या कहना है. एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कोर्ट में माना है कि कोविड वैक्सीन लेने वाले व्यक्तियों में दुर्लभ दुष्प्रभाव देखे गए हैं, इस बारे में आप क्या कहेंगे?

हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेची जाने वाली उनकी वैक्सीन के टीटीएस (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम विद थ्रोम्बोसिस) नामक साइड इफेक्ट्स होने की संभावना बहुत ही कम है. पहले भी एक्वायर्ड टीटीएस कोविड के टीकों समेत कई अन्य टीकों के प्रतिकूल प्रभाव से जुड़ा रहा है.

कोविशील्‍ड वैक्‍सीनेटेड लोगों से क्‍या कहेंगे?-(Covishield vaccine)

मेरे भी कोविशील्‍ड वैक्‍सीन लगी है. मैं स्‍वस्‍थ हूं. मेरी तरह यह वैक्‍सीन बहुतों को लगी है. वैक्‍सीन ने रोगों से लड़ने की क्षमता दी है. वैक्‍सीनेशना को नेगेटिव न लें. सबसे जरूरी बात है कि लोगों के मन में ये भय नहीं बैठना चाहिए कि वैक्‍सीन असुरक्षित है. ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं है. वैक्‍सीन ने कोविड से बचाया है, एक ऐसी महामारी से, जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. इसलिए कुल मिलाकर देखें तो फायदा नुकसान से कहीं ज्‍यादा है.

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