Dubai Rain
Dubai Rain : दुबई में पूरे साल जितनी बारिश एक दिन में हुई तो रेगिस्तानी इलाका सैलाब की गिरफ्त में ऐसा आया कि सब कुछ ठहर गया. एयरपोर्ट बंद हो गया. सड़कें तालाब बन गईं. सैकड़ों कारें खराब हो गईं. पूरे दुबई ने इससे पहले इतनी भयंकर बारिश नहीं देखी थी. संयुक्त अरब अमीरात और उससे सटे रेगिस्तानी इलाकों को हुई भीषण बारिश से आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया.
एक दिन में साल भर की बारिश, पानी-पानी हुआ दुबई का रेगिस्तान, सड़कें-एयरपोर्ट लबालब-(Dubai Rain)
दुबई: संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) के कई इलाकों में हाल के दिनों में भारी बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। भारी बारिश ने दुबई समेत कई शहरों में आम जीवन को पटरी से उतार दिया है। बारिश की वजह से कुछ लोगों की मौत होने के बात भी सामने आई है।
दुबई एयरपोर्ट पर पानी भर जाने से उड़ानों को रद्द करना पड़ा है। बुधवार को दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से करीब 300 फ्लाइट कैंसिल की गईं। वहीं यूएई के पड़ोसी ओमान में बारिश की वजह से 19 मौतों की पुष्टि हुई है। इस बारिश को लेकर कई तरह की चिंताओं और दावों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने इसका कनेक्शन यूएई के अबु धाबी में हाल ही में बने मंदिर से जोड़ दिया है।
बारिश से हरा क्यों हो गया दुबई का आसमान, क्या यह प्रलय की निशानी है? वैज्ञानिकों ने क्या कहा-(Dubai Rain)
Dubai Rain UAE Weather: दुबई के आसमान का वीडियो साझा करते हुए कई लोगों ने हैरानी जाहिर की है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पानी का तूफान आने वाला है.
संयुक्त अरब अमीरात के सातों अमीरात इन दिनों प्रकृति के कहर का सामना कर रहे हैं। इस रेगिस्तानी इलाके में भारी बारिश और तूफान के कारण बाढ़ आई हुई है। इससे सबसे ज्यादा तबाही दुबई में मची है। दुबई में बारिश के कारण एक अनोखा नजारा देखने को मिला है, जिसमें आसमान हरे रंग का नजर आ रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो एक टाइम-लैप्स क्लिप है जिसमें मटमैले आकाश को धुंधले हरे रंग में बदलते हुए दिखाया गया है। 17 अप्रैल को पोस्ट किए गए 23 सेकंड के वीडियो में कैप्शन दिया गया है: “दुबई में आसमान हरा हो गया! दुबई में आज आए तूफान की वास्तविक फुटेज।” एक यूजर ने लिखा, “दुबई में आज आए तूफान की वास्तविक फुटेज। आप देख सकते हैं कि आसमान हरा हो गया है!!!”
तो दुबई में बाढ़ का कारण क्लाउड सीडिंग नहीं, क्लाइमेट चेंज है? जानिए क्या कह रहे हैं वैज्ञानिक-(Dubai Rain)
Dubai Flood News: भारत के वैज्ञानिक दुबई में आई बाढ़ और क्लाउड सीडिंग के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने रिकॉर्ड बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। इसके लिए एक्सपर्ट्स ने कई तर्क भी दिए हैं। जानिए आखिर पूरा मामला है क्या?
क्लाउड सीडिंग पर एक्सपर्ट्स ने उठाए सवाल – (Dubai Rain)
भारत में क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट से जुड़े आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने कहा कि क्लाउड सीडिंग और दुबई में आई बाढ़ के बीच कोई संबंध नहीं है। सच्चिदानंद त्रिपाठी ने हमारे सहयोगी अखबार टीओआई से बात करते हुए कहा कि तूफान के विकास के शुरुआती फेज में सीडिंग की कोशिश की जाती है।
इस मामले में जब सिस्टम ओमान की खाड़ी से आगे बढ़ा तो यह पहले से ही एक तेज तूफान था। ऐसे सिस्टम को सीड करना बेहद असंभव और असुरक्षित है। सीडिंग से अधिकतम 25 फीसदी बारिश में वृद्धि हो सकती है। इस मामले में कुल बारिश 25 सेमी थी, इसलिए बिना सीडिंग के भी 20 सेमी बारिश हुई होगी।
‘क्लाइमेट चेंज है दुबई में बाढ़ की वजह’- (Dubai Rain)
जाने-माने जलवायु वैज्ञानिक और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने भी ऐसे किसी भी संबंध की संभावना को खारिज किया। उन्होंने कहा कि क्लाउड सीडिंग से इतनी भारी बारिश और बाढ़ नहीं आ सकती। संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन का बिल्कुल स्पष्ट संकेत है।
ये भारी तूफान था जो खाड़ी क्षेत्र में एक्टिव एक सिनॉप्टिक सिस्टम के कारण आया। ग्लोबल वार्मिंग के साथ यह प्रवृत्ति है कि अगर बारिश होती है, तो बहुत भारी बारिश होती है। हमें दुनिया के किसी भी हिस्से में और किसी भी समय इस तरह की घटनाओं के बारे में जानकारी की उम्मीद रखनी चाहिए।
भारतीय वैज्ञानिकों ने क्या कहा जानिए – (Dubai Rain)
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्व प्रमुख केजे रमेश का भी मानना है कि बादल छाए रहना भारी बारिश का मुख्य कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली अत्यधिक बारिश की घटनाएं इस क्षेत्र में बाढ़ का मुख्य कारण हैं। जलवायु परिवर्तन के साथ इसके संबंध पर उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग के तहत कोई भी बारिश कराने वाला सिस्टम अधिक मजबूत होगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि जलवायु परिवर्तन की वजह से वायुमंडल में बादल अतिरिक्त नमी धारण कर लेते हैं और भारी होते जाते हैं। इसी से बारिश कराने वाले सिस्टम की तीव्रता बढ़ जाती है।
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