Dadasaheb Phalke Awards: मिथुन चक्रवर्ती को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, बॉलीवुड के डिस्को डांसर से सुपरस्टार तक का सफर

Nirali Vaghasiya
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Dadasaheb Phalke Awards

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Dadasaheb Phalke Awards:भारतीय बॉलीवुड से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप खुशी से झूम उठेंगे। महान अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार 8 अक्टूबर 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि मिथुन चक्रवर्ती को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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मिथुन चक्रवर्ती का नाम सुनते ही बॉलीवुड के डिस्को डांसिंग सुपरस्टार की छवि उभर आती है, जिसने 80 और 90 के दशक में भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी। अपने चार दशकों से अधिक के फिल्मी करियर में मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी बेहतरीन अभिनय और नृत्यकला के जरिये लाखों दिलों को जीता है। उनके संघर्षपूर्ण जीवन और विविध किरदारों ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे चहेते अभिनेताओं में से एक बना दिया।

शुरुआती जीवन और करियर की शुरुआत

Dadasaheb Phalke Awards:मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनका असली नाम ‘गौरांग चक्रवर्ती’ है। मिथुन ने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया और बाद में पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) से फिल्ममेकिंग की शिक्षा प्राप्त की। मिथुन की फिल्मी दुनिया में एंट्री किसी सपने से कम नहीं थी। 1976 में उन्होंने मृणाल सेन की फिल्म ‘मृगया’ से अपने करियर की शुरुआत की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इससे उनकी अदाकारी की प्रतिभा का पता चला और फिल्मी दुनिया में कदम मजबूती से जम गए।

करियर का उतार-चढ़ाव और दूसरी पारी

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Dadasaheb Phalke Awards:मिथुन चक्रवर्ती का करियर 1990 के दशक के अंत में थोड़ा धीमा पड़ा, लेकिन उन्होंने फिर से खुद को नई चुनौतियों के लिए तैयार किया। 2005 में आई फिल्म ‘एलओसी कारगिल’ और ‘लकी: नो टाइम फॉर लव’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें दोबारा चर्चा में ला दिया। ‘गुरु’ (2007) में उनके द्वारा निभाया गया नानाजी का किरदार भी दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया।

मिथुन ने टीवी पर भी अपनी नई पारी की शुरुआत की और रियलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस’ के जज के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहां उन्हें प्यार से ‘ग्रैंडमास्टर’ कहा जाने लगा। यह शो उनके करियर का एक और माइलस्टोन साबित हुआ और युवाओं में उन्हें फिर से लोकप्रिय बना दिया।

मिथुन की विरासत

Dadasaheb Phalke Awards:मिथुन चक्रवर्ती की जीवन यात्रा, फिल्मी करियर और उनकी मेहनत ने उन्हें एक जीवंत किंवदंती बना दिया है। उनकी आवाज़, उनके नृत्य और उनकी बेहतरीन अदाकारी ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिलाया है, जिसे कोई नहीं छीन सकता। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने संघर्ष, मेहनत और समर्पण से यह साबित कर दिया कि अगर कोई सच्चे दिल से मेहनत करता है, तो वह अपने सपनों को साकार कर सकता है।

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आज भी, बॉलीवुड में मिथुन चक्रवर्ती का नाम सुनते ही डिस्को डांसिंग के उस दौर की यादें ताजा हो जाती हैं, जब उनका जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता था। वे सिर्फ एक अभिनेता या डांसर नहीं हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं, जो यह सिखाते हैं कि मेहनत और आत्मविश्वास के साथ हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।

मिथुन चक्रवर्ती का करियर, उनकी जीवनशैली और उनके योगदान को देखकर यह स्पष्ट होता है कि वह केवल सिनेमा के नहीं बल्कि लाखों लोगों के दिलों में भी हमेशा रहेंगे।

पहली ही फिल्म से ही बड़े पर्दे पर दिखने लगा था दबदबा

Dadasaheb Phalke Awards:मिथुन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत आर्ट फिल्म मृगया (1976) से की थी, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता(Best Actor) का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. 1980 के दशक के अपने सुनहरे दौर में, एक डांसिंग स्टार के रूप में उनके बहुत सारे प्रशंसक थे. मिथुन दा ही हिंदी सिनेमा में स्ट्रीट डांसिंग को बढ़ावा देने वाले रहे हैं.

1982 में उनकी बहुत बड़ी हिट फिल्म डिस्को डांसर इस बात का सबूत है कि यह फिल्म रिलीज होते ही ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. आज भी भारत के हर घर में बच्चों को उनके डांस मूव्स करते देखा जा सकता है. इसी कारण एक समय ऐसा भी कहा जाता है कि 1980 के दशक में मिथुन दा अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा लोकप्रिय अभिनेता थे.

बेस्ट एक्टर के लिए मिला था नेशनल अवार्ड

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आखिरकार मिथुन का संघर्ष सफल हुआ जब उन्हें फिल्म मृगया (1976) में मेन किरदार मिला. फिल्म के डायरेक्टर और कोई नहीं बल्कि मृणाल सेन (Director Mrinal Sen) थे. आदिवासी युवक की भूमिका निभाते हुए मिथुन को बेस्ट एक्टर के लिए नेशनल अवार्ड (National Award) मिला. यह एक शानदार शुरुआत थी.

आने वाले दशकों में मिथुन का करियर ऊंचाइयों पर पहुंचा. उनकी गिनती बॉलीवुड के बड़े स्टार्स में होने लगी. एक डिस्को डांसर जो लड़ सकता था, नाच सकता था, और दर्शकों को हंसा और रुला सकता था. उन्होंने “डिस्को डांसर”, “प्यार झुकता नहीं”, और “अग्निपथ” जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से लाखों लोगों का दिल जीता.

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